सुरक्षा प्रदान करता है. भारत में अब भी लाइफ इंश्योरेंस को लेकर लोगों में झिझक दिखती है. इस बारे
में जागरूकता की कमी है. आज बड़ी संख्या में लोगों के पास जीवन बीमा नहीं है. पर्याप्त कवर भी नहीं है
जीवन बीमा की उपयोगिता क्या है, यह कितनी रकम का होना चाहिए और इसे
कब लेना चाहिए?
इन सवालों का जवाब पाने के लिए आपको खुद से सवाल करना होगा. सवाल यह है कि कमाने वाले
व्यक्ति के रूप में परिवार के प्रति आपकी क्या जिम्मेदारी है?
व्यक्ति की कई तरह कीजिम्मेदारियां होती हैं '
वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजना चाहते हैं.
उन्हें अपनी बेटी के विवाह के लिए पैसे जुटाने होते हैं.
उनके ऊपर होम लोन है तो इसे वे दो या तीन वर्षों में चुकाना चाहते हैं.
रिटायरमेंट के लिए नियमित आय का स्रोत बना लेना चाहते हैं.
समय किसी नहीं देखा. भगवान न करे कि इन जिम्मेदारियों को पूरा करने से पहले ही किसी के साथ
अनहोनी घट जाए. अनहोनी की स्थिति में इन लक्ष्यों का क्या होगा. इनके लिए पैसे कहां से आएंगे.
इसका एकमात्र विकल्प लाइफ इंश्योरेंस है. इससे अपनी सभी वित्तीय लक्ष्यों को सुरक्षा कवच दिया जा
सकता है. यह परिवार के आत्मसम्मान की रक्षा करता है. उन्हें परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य के बाद
दूसरों पर मोहताज नहीं होना पड़ता है.
कितनी रकम का बीमा लेना चाहिए?
इसके लिए वर्तमान के मासिक खर्चों व भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों की ठीक-ठीक जानकारी होनी चाहिए.
पर्याप्त जीवन बीमा हमारी वर्तमान व भविष्य की जिम्मेदारियों के बराबर होना चाहिए. इसमें होम लोन
को भी व्यक्ति की देनदारी माना जा सकता है. सरल भाषा में कहा जाए तो बीमित राशि को सालाना
आय का 16 से 22 गुना तक हो होना चाहिए.
जीवन बीमा
Reviewed by AD INSPIRATION
on
April 23, 2020
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