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Finance Updates

बैंक और वित्तीय संस्थान कई तरह के वित्तीय उत्पाद पेश करते हैं. इन्हीं में से एक है पर्सनल लोन. बैंक दो तरह के लोन देते हैं. पहला सिक्योर्ड लोन और दूसरा है अनसिक्योर्ड लोन. सिक्योर्ड लोन में अमूमन बैंक गारंटी लेते हैं. होम लोन और ऑटो लोन सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आते हैं. जबकि अनसिक्योर्ड लोन में किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है. यह ग्राहक की लोन अदायगी की क्षमता को देखकर दिया जाता है. पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन कैटेगरी में आते हैं.

बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) कई तरह की जरूरतों के लिए पर्सनल लोन देती हैं. इन जरूरतों में शादी-ब्याह, घर की मरम्मत, छुट्टी इत्यादि शामिल हैं. 2. पर्सनल लोन बिना किसी गारंटी के दिए जाते हैं. इसका मतलब यह है कि बैंक इसके बदले में आपसे कोई एसेट गिरवी रखने को नहीं कहते हैं. इस तरह इनकी वसूली में बैंकों के हाथ बंधे होते हैं. यही कारण है कि अन्य सिक्योर्ड लोन के मुकाबले इनमें ब्याज की दर ज्यादा होती है. 3. पर्सनल लोन देने में बैंकों ने काफी कड़े मापदंड रखे हैं. इनमें ग्राहक की इनकम, क्रेडिट व एम्प्लॉयमेंट हिस्ट्री और लोन चुकाने की क्षमता को देखा जाता है. इन तमाम पहलुओं की समीक्षा के बाद ही लोन अप्रूव किया जाता है.

ब्याज के अलावा ग्राहकों को लोन प्रोसेसिंग फीस का भुगतान भी करना पड़ता है. बैंक या NBFC चाहें तो प्रीपेमेंट पेमेंट पेनाल्टी चार्ज कर सकते हैं. वैसे, ज्यादातर बैंक प्रीपेमेंट पेनाल्टी नहीं लगाते हैं. समय से पहले लोन का भुगतान करने को प्रीपेमेंट कहते हैं. 5. कई बार बैंक ग्राहक की फाइनेंशियल हिस्ट्री के आधार पर प्री-अप्रूव्ड लोन की सुविधा देते हैं. इसमें न केवल किफायती ब्याज दरों की पेशकश की जाती है, बल्कि लोन देने में बहुत कागजी लिखा-पढ़ी भी नहीं होती है. इस तरह के लोन में ग्राहक के खाते में तीन से चार दिनों में पैसे डाल दिए जाते हैं. इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
Finance Updates Finance Updates Reviewed by AD INSPIRATION on April 23, 2020 Rating: 5
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